बिजलियो का भय त्यागे बिना कोई वृक्ष ऊंचा नहीं हो सकता...
पर्वत -शिखर की यात्रा मैं निरंतर चढाई ही नहीं होती उनमे उतराइया भी आती है खंड और खाईया भी आती है जीवन की असफलताऐ और ठोकरें भी इसी तरह प्रगती की लंबी यात्रा के अटूट अंग है.
जय जय वीर राजपूताना,,बुलंद करो राजपूताना ..कुंवर अमित सिंह
सत्य वचन...
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