शोभना सम्मान-2012

Wednesday, July 4, 2012

आदरणीय क्षत्रियो धन्यवाद आपका

आदरणीय क्षत्रिय परिवार के सम्मानित सदस्यो

आप सभी को सादर प्रणाम!

आज में भगवान को कोटि-कोटि नमन करता हूँ कि आज के इस कठिन युग में भी , प्रभु ने क्षत्रिय राजपूतों को सभी दिखावटी और शौर्य विहीन आदतों से बचा रखा है जैसे,

१.हम क्षत्रियों में संगठित रहने की बुराई नहीं है.

२.हम अपने भाइयों का सहयोग कर उस की मदद कर उसके आत्मसम्मान को ठेस नहीं पहुंचाते .

३.हम संगठित हो एक स्वर में अपनी आवाज़ उठा कर अपनी कमजोरी का परिचय नहीं देते.

४.हम कोई ठोस और दर्शनीय कार्य एकजुट हो कर दुनिया को राजपूतों से सतर्क होने का अवसर नहीं देते.

५.हमारी कोई कितनी भी बेईज्ज़ती करे हम उस को पलट कर जवाब दे कर अपनी स्वछ और निर्मल अहिंसक छवि को धूमिल नहीं करते.


६.हम आज भी पढ़ लिख कर IAS/ IPS, या कोई और ऊँची नौकरी करना पसंद नहीं करते ,क्यूँ की हम राजा थे राजा हैं और राजा रहेंगे , अजगर करे ना चाकरी , कह कर हम आज भी अपनी अतीत को संजोय है.


७.हम कर्म प्रधान हो कर मज़दूरों की पंक्ति में अपने आप को शामिल नहीं होने देते , हम आज भी बातों, सुझावों , और आदेशों से अपने तन और मन को सुख प्रदान करते हैं


८.हम कर्म से ज्यादा भाग्य को मानते हैं , इस लिये हम कर्मस्थली से ज्यादा आज कल मंदिरों में अधिक नज़र आते है , इस से हमारे आस्तिक होने का बोध समाज को रहता है


***श्री शेखर सिंह तंवर***


1 comment:

  1. .
    आदरणीय श्री शेखर सिंह जी__आपको भी सादर प्रणाम..
    सादर प्रणाम क्या कोटि-कोटि प्रणाम..
    .
    आप राजपूतों की नवज पर हाथ रखकर भी अपने हाथ को स्पर्श तक नहीं होने दिया.. क्या बात है.. क्या खूब.. प्रस्तुतीकरण के लिए आपको धन्यवाद..
    .
    अग्नि पैदा करने के लिए आपकी सुझबुझ अच्छी है.. जब सीधी उंगली से घी न निकले तब ऊँगली को टेढा कर घी निकालने की युक्ति अच्छी है..
    .
    राजपूतों की गति को गहराई तक समझने के लिए स्वयं को सही बनाए हुए चलाये भी रखा और समझोता भी नहीं किया, ऐसा आपके उक्त विचारों से प्रकट होता है..
    .
    क्षत्रिय कर्म व्यवस्था है.. इस कर्म व्यवस्था को समझे बिना स्वयं को क्षत्रिय मानने वाले व्यक्ति मुझे इधर-उधर भटकते फिरते ही नजर आ रहे है.. जड़ को समझे बिना और जड़ से उठे बिना रोग का सही निदान संभव नहीं !
    .
    इससे आगे के प्रयास, अनुसन्धान और पुरुषार्थ के लिए आपको शुभकामनाएं देता हूँ..
    .
    आपका स्नेही - यशवंतसिंह शेखावत (राजस्थान)
    e-mail: yashbabu.rss@gmail.com
    .

    ReplyDelete

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...