हमारे राजपूत समाज में परम्परा व
रीतिरिवाजों के नाम पर गलत आचरण हो रहा है. मुझे पता चला है, कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं अन्य कई राज्यों में जहाँ भी अपने राजपूत समाज के लोग बस गये हैं. वहाँ पर परम्परा के नाम पर जब
दामाद अपनी सुसराल आता है, तो उसके सास-ससुर और वो सभी सदस्य जो उसकी पत्नी से उम्र में या नाते में बङे हों वे सभी दामाद के पैर छूते हैं. जबकि होना यह चाहिए कि सास-ससुर जो कि माता पिता समान होते हैं उनके पैर दामाद छुए. अपने से उम्र व नाते मे बङे
लोगो से पैर छुवाना उनका अपमान करना होता है।
परम्परा व रितिरिवाजो के नाम पर
यह गलत आचरण ठीक नही. यहाँ तक जब भानजा अपनी ननिहाल
आता है तो मामा-मामी भानजे के पैर छूते हैं चाहे मामा उम्र में उसकी माँ से बङा
क्योँ न हो बहन का बेटा अपने बेटे बराबर होता है. बेटे के पैर छूना गलत आचरण है
सँस्कार कभी नही हो सकते हमेशा छोटो को बङो के पैर छूने चाहिए.
मैं हरियाणा राज्य का रहने वाला हूँ और
राजस्थान के रीतिरिवाजों और परम्पराओं से भी अच्छी तरह से वाकिफ हूँ यहाँ ऐसा नहीं होता. यहाँ दामाद अपनी सुसराल जाता है, तो वह अपने सास ससुर के पैर छूता है और बड़ों का
अभिवादन करता है और भान्जा भी जब ननिहाल आता है तो वो मामा मामी को खुद अभिवादन
करके आर्शीवाद लेता है.
अपनों से बड़ों से चरण स्पर्श
करवाना तो दुनिया मे कहीँ भी नहीं बताया गया है और अगर किसी क्षत्रिय कुल में ऐसा हो रहा है, तो संस्कार, परम्परा व रीतिरिवाजों के नाम पर तो यह सामाजिक शर्म का विषय है और यह संस्कार तो कदाचित नहीं हो सकता.
लेखक- श्री शेखर सिंह तँवर
गुडगाँव, हरियाणा
चित्र गूगल से साभार
Aapko jankari adhuri hai
ReplyDeleteDamad ke pair sasur sirf vivah ke avasar per chhuta hai
Uska karan var Jo hota hai us samay wo bhgwan visnu ka swaroop hota hai is
Vivah ke baad kabhi aisa nahi hota
Rahi baat bhanje ki hamarae smaj ne bhgwan Krishna aur kans ke baad smabandh ko thik aur bhanje ka ma'an rakhne ke liye
Use brhan ka sthan diya
Aur hamare yaha barahman devta swaroop hota hai
Isliye uska pair chhute hai
Lekin up mai tou har gahr mai aisa hai damad ka pair sasur chutey haj
DeleteDhananjay Singh जी एवं शक्ति प्रताप सिंह जी ...
ReplyDeleteमेरा मतलब न पूर्वांचल या किसी क्षेत्र विशेष से नही है !यह बुराई है अब भी अपने समाज में चाहिए किसी भी क्षेत्र या प्रदेश में हो समाप्त होनी चाहिए और हमे हर तरह की कुरूति के खिलाफ जाग्रत करना है !
दामाद के पैर विवाह के अवसर पर ही नही भाई जी कई जगह ऐसा है हमेसा छुते है मेरी जानकारी ठीक है और भांजा की बात आप खुद मान रहे हो तो बहन का बेटा बेटे के बराबर होता है और उम्र में भी छोटा होता है सो अपने से छोटे के पैर छुना किसी भी तरीके से ठीक नही कहा जा सकता
Ye baat sahi he ki Apne se bado ka asirbaad lena chahiye Lekin mujhe aap bataye ki bhatija bada or chacha Chhota ho to chacha bhatija ke pair chuyega ye rishta ya umra ka bhedbhav he
ReplyDeleteआपका प्रश्न बहुत अच्छा है। मनु स्मृति में इस बात को स्पष्ट किया है कि यदि भतीजा अपने चाचा से उम्र में बड़ा है तो रिस्ते के लिहाज से चाचा पिता समान हुआ । और पिता कभी पुत्र के चरण स्पर्श नहीं करता । इस स्थिति में भतीजा भी चाचा के पैर नहीं छुएगा लेकिन चाचा को चाचा जी कहकर संबोधित करेगा और नमस्कार करेगा । सिर्फ पैर छूने के अलावा सारे सम्मान लागू हैं ।
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