शोभना सम्मान-2012

Tuesday, May 15, 2012

क्षात्र धर्म और व्यापार जगत...


                     आज के युग मे क्षात्र धर्म की आवश्य़कता सख्त समझी जा सकती हे, ओर क्षात्र धर्म मे दिया गया व्यावहारीक ग्यान आज के परिपेक्स मे खरा उतरता हे! क्षात्र धर्म  मे जिन गुणॊ को मानव के जीवन मे उतारा जाता हे आज इन्ही गुणॊ की अगर सख्त आवश्यकता हे तो वो हे व्यापार जगत(corporate). मुनाफ़ा ओर ब्रण्ड बडाने के लिए जहा निजी कम्पनीया हर रोज नये - नये व्युह रचना(strategic planning) अपनाती हे वही उन कम्पनीयो मे काम कर रहे लोग हर रोज अपने नये दबाव के आगे नतमस्तक होकर रोजगार छॊड देते हे या फ़िर उनके काम पर असर साफ़ देखा जाता हे ओर उसी की वजह से पारिवारीक जीवन मे भी बदलाव आता हे!

                    आज के समय मे हर कम्पनीया मानव ससाधन(HR)की समस्या से परेशान हे. लोगो के पास वर्तमान मे दी गयी study अधुरी सी प्रतित होती हे इसका मुख्य कारण हे तो वो हे विपरीत हालोतो मे लड्ने के गुणॊ का अभाव! आज के जमाने मे वो लोग खुशनसीब होगे जो क्षात्र धर्म से वाकिफ़ हे या फ़िर उन्हे अपने मा-बाप ओर समाज के माध्यम से  क्षात्र धर्म गुण सस्कार रुपी मिले हो! आज इन्सान ज्यादा दबाव(pressure) नही झॆल पाता वही निजी कम्पनिया मे ज्यादा देखा जाता हे ओर यही बात क्षात्र धर्म मे बताई जाती हे कि विपरीत समय मे केसे अपने आप को सयमशाली(calm) रखे. व्यापार जगत मे लक्श्य(goal/target) का अपना खास महत्व हे ओर उसे पाने के लिए हर प्रकार की नीती(strategy) अपनायी जाती हे उसी प्रकार क्षात्र धर्म  मे मिशन को केसे प्राप्त किया जाये उन्ही गुणॊ को सिखाया जाता हे. वही व्यापार जगत मे सम्पर्क की अपनी एक खास मह्त्व होता हे उसी तरह क्षात्र धर्म यह बताता हे कि अपने से उपर ओर अपने से नीचे लोगो के साथ किन हालात मे केसे सवाद ओर या फ़िर बातचीत की जाये कि वो हमारी बात समझ पाये ओर हम उसकी बात को समझॆ.  क्षात्र धर्म मे यह बताया जाता हे कि अपने दुश्मन को केसे हराये ओर उसके लिए क्या व्युह रचना होनी चोहीये वोही बात आज हम ओर आप व्यापार जगत मे देखते हे कि एक कम्पनी अपने दुसरे(competitor) को पीछॆ रखने के लिए व्युह रचना बनाती हे. क्षात्र धर्म मे यह सिखाये जाता हे कि जो अपने साथ हो या फ़िर अपने पर भरोसा करने वाले लोग हे उन को केसे बनाये रखे वही बात व्यापार जग्त मे होती हे कि अपने ग्राह्क को क्या -क्या सुविधा दे जिससे कि उन का हमारे पर भरोसा बना रहे. व्यापार जगत मे देखा गया हे कि किसी भी काम को पुरा करने के लिए संगठित प्रयास(team worK) होना जरुरी हे वही क्षात्र धर्म मे एकता को खास महत्व दिया गया हे कि एकता मे रहकर केसे दुश्मन के ईरादे को नाकाम किया जा सकता हे! जो निडर हो वो हमेशा आगे रेह्ता हे उसी तरह जो निडर(fearless)  हो वही कम्पनी का आगे ले जा सकता हे.

                 इन सब गुणॊ को जिसने भी जाना या फ़िर जिसने भी अपने जीवन मे उतारा हे वो कभी पीछॆ नही रह सकता आज वो अगर किसी प्राईवेट जगह हो या फ़िर किसी राजनीती मे वो निस्न्देह देर-सवेर एक अच्छा किसी कम्पनी मे CEO,MD,या फ़िर businessman बनेगा या नेक नेता. क्षात्र धर्म मे बताये गुणॊ के साथ सत्य के पथ  पर चले वो शासक, राजा बने ओर इन सब गुणॊ वाला एक क्षत्रिय कह लाए ओर व्यापार जगत मे अधिनायक(leader)....

:-कुँवर विश्वजीत सिँह सिसोदिया

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