शोभना सम्मान-2012

Wednesday, May 2, 2012

राजपूती ध्वज


रणचंडी मुझे आशिष दे,
अरी दल को मार भगाऊँ मै, 
भारती का वीर सपूत बनु मै, 
अरी कोखोँ को दहलाऊँ मै,
पग पग रीपु का जमघट हो,
ईसका काल कहाउ मै,
जहाँ गद्दारोँ की ध्वजा गडी, 
वहाँ राजपूती ध्वज फहराऊं मै, 
रणचंडी मुझे आशिष दे,
जो गौरव फैला महाराणा का,
उसका मान रखु मै,
जो बलिदान दिए रणवीरोँ ने,
उनकी लाज बचाउ मै,
जो लुट रही शासन सत्ताओ मे,
ईनका अपयश फैलाउ मै,
गऊ,गंगा और गीता का,
वो युग स्वर्णिम लौटाउ मै,
रणचंडी मुझे आशिष तो दे..
जय जय माँ भारती!!
(कुँवर गोविँद सिँह राठौड)

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