शोभना सम्मान-2012

Wednesday, May 2, 2012

हौसला हो बुलंद !


जैसे सर पे श्री महाराणा जी का हाथ हो 
जैसे संस्कारो के लिए मरमिटने का जज़्बात हो 
जैसे आँखों में अपनों की चिंता की चिंगारी भड़के 
जैसे मान बचाना है इन सियासी दुश्मनों से लड़के 
जैसे राहों में उज्ज्वल भविष्य की कालिया खिले
जैसे नयी लहर विकास की बन दरिया बहे
जैसे तन्न -मन महान अतीत का गीत गाने लगे
जैसे सोई हुई हिम्मत अंगडाई ले
जैसे जीना ख़ुशी की कहानी लगे
जैसे खुल जाए रस्ते अब तक थे बंद
हौसला हो बुलंद
हौसला हो बुलंद
हौसला हो बुलंद
हौसला जैसे आस्मां से हो बुलंद
हौसला हो बुलंद
हौसला हो बुलंद
हौसला हो बुलंद
हौसला जैसे आस्मां से हो बुलंद
हौसला हो बुलंद
हौसला हो बुलंद !
(अखिल प्रताप सिंह )

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