शोभना सम्मान-2012

Wednesday, April 25, 2012

रणचंडी

!! रणचंडी!!

रणचंडी मुझे आशिष दे,
अरी दल को मार भगाऊँ मै,
भारती का वीर सपूत बनु मै,
अरी कोखोँ को दहलाऊँ मै,
पग पग रीपु का जमघट हो,
ईसका काल कहाउ मै,
जहाँ गद्दारोँ की ध्वजा गडी,
वहाँ राजपूती ध्वज फराऊँ मै,
रणचंडी मुझे आशिष दे,
जो गौरव फैला महाराणा का,
उसका मान रखु मै,
जो बलिदान दिए रणवीरोँ ने,
उनकी लाज बचाउ मै,
जो लुट रही शासन सत्ताओ मे,
ईनका अपयश फैलाउ मै,
गऊ,गंगा और गीता का,
वो युग स्वर्णिम लौटाउ मै,
रणचंडी मुझे आशिष तो दे..
जय जय माँ भारती!!
:-कुँवर गोविँद सिँह राठौड

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