ओ राम मेरे कैसा
गजब ये हो गया,
आजकल का रंग-ढंग
कैसा अजब हो गया
जो वस्त्र होता था नीचा वो ऊँचा ,
और जो होना था ऊँचा वो नीचा हो गया,
जब तक ''जोकी'' लिखा न दिखे,
इनको आता चैन नहीं ,
अगर करे कोई टोका-टोकी
ये हो जाते बेचैन
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