शोभना सम्मान-2012

Thursday, April 26, 2012

शराब :पीना खराब

कहते है लोग,
शराब है खराब !
मान लो जनाब,
खराब है शराब!

मत पियो शराब!
ये करेगी आपकी किडनी खराब!

ईसीने बर्बाद किये राज रजवाडे!
फिर भी आज ठाकुर अकडे!

न मिले ईससे कोई राहत!
ईससे सिर्फ बढे आफत!

मनुष्य से बन गए पशु!
पर दारु से कहते है,
मै तेरे लिए मरु!

युवा कहता है,अगर हो शराब,शबाब और कबाब!
तो पार्टी हो जाएगी यार लाजवाब!

कौन समझाए ईसे,
ये है नौजवान पीटे-घिसे!
नही बस चलता किसी पर कमीनो का,
भले ही मालिक हो वो जमीनो का!

दारु मे सब धन लुट गया,
जो था हमारे पुरखोँ का आशियाना तुट गया!
फिर भी लेते क्यो नही कोई सबक,
होती है ये मेरे दिल मे हरदम कसक!

कहानी होती है,
शराबीयोँ की गजब!
फिर पीकर करते कारनामे अजब!

कोई पीकर पीटता अपनी पत्नी को,
तो कोई छेडता लडकी को!
ईसके कारण होता है समाज शर्मसार,
पर ईनपर होता नही कीसी का भार!

मान लो प्यारे मेरी बात!
वरना मै ना हिचकीचाउँगा मारने मे लात!

"दारु छोडो,
बोतल तोडो,
घर जोडो!"

:-'अक्षय' कुँवर विश्वजीत सिँह सिसोदिया 'जिन्दादिल'

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