शोभना सम्मान-2012

Monday, April 23, 2012

कुछ विचार व क्षत्रिय बंधुओं से निवेदन

    विश्व में केवल प्राचीन भारत के वृत्तांतों से आपको यह अवगत हो पायेगा कि प्राचीन हिंदू समाज एक अद्भुत सोच विश्व को दे कर गया है जो की क्रमागत उन्नति(EVOLUTION) को पृथ्वी के विकास का कारण मानती है !


हिंदू समाज, धर्म तथा ज्ञान, क्रमागत उन्नति को विशेष महत्व देता है ! हम मानते हैं कि क्रमागत उन्नति ही श्रृष्टि के सृजन का कारण है ! इस पर स्पष्ट रूप से अनेक संकेत आपको हिंदुओं के प्राचीन इतिहास में मिलेंगे ! हिंदुओं की मान्यता है कि ईश्वर ने ब्रह्मांड का निर्माण करा परन्तु उसके आगे सृजन का कार्य क्रमागत उन्नति द्वारा ही हुआ है ! अत: क्रमागत उन्नति ही पृथ्वी के विकास का कारण है, न की सृजन !

यह भी ध्यान देने की बात है कि हिंदू ईश्वर के अवतार में विश्वास रखते हैं; यदि समाज घोर पतन की और जा रहा है, तो ईश्वर मनुष्य रूप में अवतरित होते हैं, समाज की दिशा में आवश्यक सुधार मनुष्य के रूप में ही लाते हैं, और मनुष्य को प्रेरित करते हैं, समाज को प्रगति के मार्ग पर बढाने के लीये ! यही अवतार का उद्देश है !

जब जुल्म और अत्याचार असहनीय हो जाते हैं तो ईश्वर अवतरित होते हैं मनुष्य रूप में, समाज की सहायता के लीये....स्पष्ट है कि स्वर्ग में बैठा हूआ ईश्वर कुछ नहीं कर सकते ! हिंदू सृजन में नहीं क्रमागत उन्नतिमें विश्वास रखते हैं !

जब आप अपने प्राचीन ग्रन्थ, पुराण इस सोच से पढेंगे, तो आपको समझ में आएगा कि हम इनसे क्या कुछ नहीं पा सकते ! विश्व की प्रगति के लिये हिंदू धार्मिक ग्रन्थ, जैसे जैसे गुलामी की जंजीरों के निशाँन हलके होते जायेंगे, ज्यादा योगदान दे पायेंगे !


आज हम अगर अपने इतिहास से सबक लेते हुए एक दुसरे से कंधे में कन्धा मिलते हुए अगर विकास का मार्ग प्रशस्त करे तो एक बेहतरीन भविष्य हमारा इंतज़ार कर रहा है !!

कोशिश होनी ही नही साकार की जाये की हमारा प्रयत्न एक सभ्य और प्रगतिशील समाज का निर्माण करना हो !
आये दिन इस भौतिक दुनिया के नित नित नए ढकोसलो और विडंबनाओ  को  देख कर लगता  है कि समाज में  एक  परिवर्तन की जरुरत है ...... क्योंकि प्रकृति गतिशील है लेकिन समाज परिवर्तनशील ...ऐसा सोच के हमने अपने गौरवशाली इतिहास को धूमिल न होने की कसम ली ........ एक ऐसा मंच बनाया जा सके जहाँ लोग अपने गौरव को जिन्दा रख सके ......अपने को गौरवान्वित महसूस करे ...!


वक्त है एक नए उत्साह के साथ  सहज सुखद चेतना रूपी मशाल  प्रजव्लित करने को ..जो सारे संसार में एक अखंड ज्वाला की ज्योति बने .....अपना क्षत्रिय धर्म को हमेशा अमर  रखे ...... ईश्वर की कृपा बनी रहे ..हम आप पर ..यही कामना करते हैं... 
आपका स्वागताकांक्षी : योगी ठाकुर 







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